इतिहास
जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग
1.‘सिंचाई और विद्युत’ विषय का इतिहास बहुत पहले 1855 से शुरू होता है जब इस विषय का दायित्व उन दिनों नवनिर्मित लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया था लेकिन 1858 में गंभीर अकाल पड़ने तक सिंचाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया था। और तब एक बड़े पैमाने पर नहर निर्माण का काम हाथ में लेने का निर्णय लिया गया तथा त्वरित विशाल निर्माण कार्य पर निगाह रखने के लिए नहर महानिरीक्षक की नियुक्ति की गई। देश के भीतर सिंचाई सुविधाओं के विकास ने जो महत्वपूर्ण और ठोस भूमिका निभाई थी उसे ध्यान में रखते हुए इस विषय को सिंचाई विशेषज्ञ के प्रभार के तहत रखने का निर्णय लिया गया तथा इसे सिंचाई महानिरीक्षक का पदनाम दिया गया। सिंचाई महानिरीक्षक लोक निर्माण विभाग के सचिव के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य किया करता था।
2. भारत सरकार के 1919 के अधिनियम के अधीन सिंचाई एक प्रान्तीय विषय बन गया और भारत सरकार की भूमिका सलाह देने, समन्वय रखने तथा अन्तः प्रान्तीय नदियों के जल पर अधिकार सम्बन्धी विवादों के निपटान तक सीमित रह गई। ‘इन्चापे’ समिति की सिफारिश पर 1923 में लोक निर्माण विभाग को उद्योग विभाग के साथ मिला दिया गया और इसे उद्योग और श्रम विभाग नामक नया नाम दिया गया जो कि अन्य बातों के साथ-साथ ‘सिंचाई और विद्युत’ सम्बन्धी विषयों की भी देखभाल करता था। 1927 में एक केन्द्रीय सिंचाई और विद्युत बोर्ड का गठन किया गया। 1937 में उद्योग और श्रम विभाग का संचार विभाग और श्रम विभाग में विभाजन हो जाने के बाद, ‘सिंचाई और विद्युत’ सम्बन्धी दायित्व श्रम विभाग को सौंप दिया गया। सचिवालय पुनर्गठन समिति की सिफारिशों पर निर्माण कार्य…
और पढ़ें- ब्रह्मपुत्र बोर्ड में महाप्रबंधक, मुख्य अभियंता (स्तर-1) एवं मुख्य अभियंता (स्तर-II) के पद पर नियुक्ति।
- जल प्रबंधन में सर्वोत्तम प्रथाओं पर जी20 सारसंग्रह।
- श्री बी.पी. पांडे को सदस्य सचिव यूवाईआरबी का अतिरिक्त प्रभार सौंपने के लिए एसीसी की पूर्वव्यापी मंजूरी।
- लघु सिंचाई योजनाओं की छठी जनगणना की राज्यवार रिपोर्ट (खंड-2)
- “सातवीं लघु सिंचाई जनगणना, जल निकायों की दूसरी जनगणना, एमएमआई परियोजनाओं की पहली जनगणना और स्प्रिंग्स की पहली जनगणना के शुभारंभ के लिए अखिल भारतीय कार्यशाला 17.08.2023 को स्कोप परिसर में आयोजित की गई
- लघु सिंचाई योजनाओं की छठी जनगणना की अखिल भारतीय रिपोर्ट (खंड-1) ।
- जनसंचार इंटर्नशिप कार्यक्रम के लिए सूचना एवं दिशानिर्देश (अंतिम तिथि 15-सितंबर-2023)
- सहायक पद हेतु भर्ती नियमों में संशोधन का प्रारूप केंद्रीय भूजल बोर्ड के भूभौतिकीविद् ग्रुप बी (राजपत्रित)।
- ब्रह्मपुत्र बोर्ड में महाप्रबंधक, मुख्य अभियंता (स्तर-1) एवं मुख्य अभियंता (स्तर-II) के पद पर नियुक्ति।
- सदस्य (सिविल), एनसीए, इंदौर के पद पर प्रतिनियुक्ति (अल्पकालिक अनुबंध सहित) के आधार पर नियुक्ति के लिए रिक्ति परिपत्र।
- राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए) में मुख्य अभियंता (स्तर- I) के पद पर प्रतिनियुक्ति (अल्पकालिक अनुबंध सहित) के आधार पर नियुक्ति के लिए रिक्ति परिपत्र।
- ब्रह्मपुत्र बोर्ड, गुवाहाटी के तीन (03) वैधानिक पदों को भरने के लिए रिक्ति परिपत्र का पुनः विज्ञापन।
- राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण में निदेशक, उप निदेशक और सहायक निदेशक के पदों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरना।
- सीडब्ल्यूपीआरएस, पुणे में वेतन मैट्रिक्स के वेतन स्तर 11 (रु.67700-208700) में पुस्तकालय सूचना अधिकारी, समूह ‘ए’, राजपत्रित, गैर-मंत्रालयी के (01) पद को भरना (प्रतिनियुक्ति अल्पकालिक अनुबंध पदोन्नति
- रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण में प्रतिनियुक्ति/पुनः रोजगार के आधार पर विभिन्न पदों (समूह ए, बी और सी) को भरना।
- सदस्य (सिविल), एनसीए, इंदौर के पद पर प्रतिनियुक्ति (अल्पकालिक अनुबंध सहित) के आधार पर नियुक्ति के लिए रिक्ति परिपत्र।
- कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण में प्रतिनियुक्ति पर प्रशासनिक अधिकारी का पद
- सहायक रजिस्ट्रार, प्रधान निजी सचिव, निजी सचिव के लिए MWDT (महादायी जल विवाद न्यायाधिकरण) की रिक्ति परिपत्र
- कैबिनेट के लिए मासिक सारांश: अगस्त, 2023
- कैबिनेट के लिए मासिक सारांश: जुलाई, 2023
- कैबिनेट के लिए मासिक सारांश: जून, 2023
- कैबिनेट के लिए मासिक सारांश: मई, 2023
- कैबिनेट के लिए मासिक सारांश: अप्रैल, 2023
- कैबिनेट के लिए मासिक सारांश: मार्च, 2023
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- कैबिनेट के लिए मासिक सारांश: जनवरी, 2023
- कैबिनेट के लिए मासिक सारांश: दिसंबर, 2021
- कैबिनेट के लिए मासिक सारांश: जनवरी, 2022