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    भारत-भूटान सहयोग

    भारत और भूटान के लिए साझा नदियों पर जल-मौसम विज्ञान एवं बाढ़ पूर्वानुमान नेटवर्क की स्थापना के लिए व्यापक योजना” नामक एक योजना चल रही है। इस नेटवर्क में भूटान में 32 जल मौसम विज्ञान/मौसम विज्ञान केंद्र अवस्थित हैं जिनकी देखरेख भारत के वित्त पोषण से भूटान के रायल गवर्नमेंट द्वारा की जाती है। इन केंद्रों से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग बाढ़ पूर्वानुमान के निरूपण के लिए भारत द्वारा किया जाता है।

    भारत सरकार और भूटान के रायल गवनर्मेंट (आरजीओबी) के वरिष्ठ अधिकारियों की एक संयुक्त विशेषज्ञ टीम (जेईटी) भारत और भूटान की साझा नदियों – पुथिमारी, पगलाडिया, संकोश, मानस, रैदाक, टोरसा, एई और जलढाका के जल ग्रहण क्षेत्र में स्थित 32 जल मौसम विज्ञान केंद्रों के नेटवर्क की प्रगति और अन्य आवश्यकताओं का लगातार निरीक्षण करती है । 1992 में पुनर्गठन के बाद जेईटी अब तक बारी बारी से भारत और भूटान में 37 बार मिल चुकी है । जेईटी की अंतिम बैठक अर्थात 37 वीं बैठक 11 -12 अप्रैल 2023 के दौरान पुनाखा वांगडु भूटान में आयोजित की गई थी ।

    भूटान के दक्षिणी तलहटी और भारत के निकटवर्ती मैदानों में आवर्ति बाढ़ और भूक्षरण के संभावित कारणों और इसके प्रभाव पर विचार और इसका आकलन करने के लिए भारत और भूटान के बीच बाढ़ प्रबंधन पर विशेषज्ञों के संयुक्त समूह (जेजीई) का गठन किया गया है (एवं दोनों सरकारों को उचित और परस्पर रूप से स्वीकार्य प्रतिकारक उपायों का सुझाव देने )। जेजीई की अब तक नौ बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं । जेजीई की 9वीं बैठक 7-8 जनवरी, 2020 को पुनाखा, भूटान में आयोजित की गई थी ।

    जेजीई की प्रथम बैठक के दौरान लिए गए निर्णय के अनुरूप दोनों देशों के बीच बाढ़ प्रबंधन पर एक संयुक्त तकनीकी टीम (जेटीटी) का गठन किया गया था । जेटीटी का उद्देश्य बाढ़ प्रबंधन पर क्षेत्रीय परिस्थिति का आकलन करना और जेजीई को तकनीकी सहायता प्रदान करना है । जेटीटी की अब तक 6 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं । जेटीटी की छठीं बैठक 12-13 सितंबर, 2019 के दौरान जलपाइगुड़ी, भारत में आयोजित की गई थी ।