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मुख्‍य पृष्‍ठ हमारे बारे में संगठन ऊपरी यमुना नदी बोर्ड

ऊपरी यमुना नदी बोर्ड

1. प्रस्तावना:-

ऊपरी यमुना नदी बोर्ड जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के अंतर्गत एक अधीनस्थ कार्यालय है। दिनांक 12 मई, 1994 को बेसिन राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्रियों द्वारा ओखला बैराज तक यमुना नदी के उपयोज्य सतही प्रवाह के बंटवारे के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू में उपरोक्त समझौते के कार्यान्वयन के लिए ऊपरी यमुना नदी बोर्ड के सृजन का भी प्रावधान है। ऊपरी यमुना नदी बोर्ड का गठनजल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार के दिनांक 11 मार्च, 1995 के संकल्प सं-10 (66)/71-आईटी के द्वारा किया गया।

2. बोर्ड:-

बोर्ड में केन्द्रीय जल आयोग के सदस्य,अंशकालिक अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली का एक मनोनीत सदस्य, जो मुख्य अभियंता से नीचे के रैंक का न हो, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण का एक मुख्य अभियंता तथा केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड तथा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधि अंशकालिक सदस्य होंगे। बोर्ड का एक पूर्णकालिक सदस्य सचिव होगा जो किसी लाभार्थी राज्य का नहीं होगा। ऊपरी यमुना नदी बोर्ड सचिवालय के सभी पद केन्द्र/राज्य सरकार के स्टॉफ/अधिकारियों द्वारा प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरे जाते हैं।

3. ऊपरी यमुना समीक्षा समिति:-

11 मार्च, 1995 के संकल्प के अनुसार एक 'ऊपरी यमुना समीक्षा समिति (यूवाईआरसी)' होगी जिसमें हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के मुख्यमंत्री (राष्ट्रपति शासन के मामले में राज्यपाल) इसके सदस्य तथा केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री, भारत सरकार इसके अध्यक्ष होंगे जो यूवाईआरबी के कार्यकरण का आकलन करेगी और यमुना के सतही प्रवाह के आवंटन के बारे में दिनांक 12.05.1994 के समझौता ज्ञापन का कार्यान्वयन सुनिश्चित करेगी तथा ओखला बैराज तक यमुना नदी बेसिन के ऊपरी फैलाव के समुचित विकास और प्रबंधन के लिए यथा आवश्यक निर्देश जारी करेगी।

4. बोर्ड के कार्य:-

ऊपरी यमुना नदी बोर्ड का मुख्य कार्य लाभार्थी राज्यों के बीच उपलब्ध प्रवाह के आवंटन को विनियमित करना तथा वापसी प्रवाह की निगरानी करना; सतही तथा भूमि-जल की गुणवत्ता की निगरानी, संरक्षण और उसका उन्नयन करना बेसिन के लिए जल-मौसम विज्ञान डाटा अनुरक्षित करना; पनधारा प्रबंधन हेतु योजना का अवलोकन करना; ओखला बैराज तक सहित सभी परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी और समीक्षा करना है। बोर्ड ने भागीदार राज्यों के बीच जल प्रवाह डाटा का वास्तविक समय प्रसार सुनिश्चित करने हेतु बेसिन में 11 स्थानों पर जल निकासी को देखने के लिए टेलीमीटरी प्रणाली स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

राज्य इस बात पर सहमत हो गए हैं कि परिस्थितिकीय दृष्टिकोण से अपस्ट्रीम स्टोरेज को पूरा करने के अनुपात में वर्ष भर ताजेवाला/हथिनीकुंड के डाउनस्ट्रीम और ओखला हेडवर्क के डाउनस्ट्रीम 10 क्यूसेक तक न्यूनतम प्रवाह बरकरार रखा जाए चूंकि अपस्ट्रीम स्टोरेज को चरणबद्ध तरीके से उतरोत्तर बनाया जाना है। इसी दौरान, माननीय एनजीटी ने दिनांक 11.06.2015 के अपने आदेश में यह कहा है कि 'हरियाणा राज्य हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी की मुख्यधारा में सीधे 10 क्यूसेक पानी छोडे और वजीराबाद तक नदी का ई-प्रवाह बनाए रखे।' तदनुसार, उपर्युक्त आदेश के अनुपालन में हथिनीकुंड बैराज से नदी में सीधे 10 क्यूसेक पानी छोडा जा रहा है।

5. अपस्ट्रीम परियोजनाएं:-

भारत सरकार ने यमुना और इसकी सहायक नदियों के ऊपरी फैलाव में रेणुकाजी बांध, किशनुबांध और लखवार व्यासी परियाजनाओं नामक तीन प्रस्तावित स्टोरेज परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजनाओं के रूप में शामिल किया है जिसके लिए परियोजना के सिंचाई और पेयजल आपूर्ति घटक की 90 प्रतिशत लागत भारत सरकार द्वारा दी जाएगी। भारत सरकार द्वारा अप्रैल 2016 में यमुना नदी पर लखवार परियोजना हेतु निवेश स्वीकृति दी गई और परियोजना के विकास संबंधी अन्य कार्यकलाप प्रगति पर हैं। यमुना नदी पर व्यासी परियोजना निर्माणधीन है और इसका 40 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। यह परियोजना दिसम्बर, 2018 में शुरू होनी निर्धारित है। 20 जून, 2015 को उत्तराखंड सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए ताकि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में और उत्तराखंड के देहरादून जिले में यमुना नदी की सहायक नदी टोंस पर किशनु बहुद्देशीय परियोजना का कार्य शुरू हो सके चूंकि यह संयुक्त उद्यम भारत सरकार और दोनों राज्यों के माध्यम से निष्पादित होना है। दोनों राज्यों के बीच मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन (एमओए) आर्टिकल आफ एसोसिएशन (ए ओ ए) तथा समझौता ज्ञापन (एम ओ यू) को उत्तराखंड सरकार द्वारा सचिव, विद्युत, उत्तराखंड सरकार, देहरादून के दिनांक 27.6.2016 के पत्र के द्वारा अनुमोदित किया गया है। यमुना नदी की सहायक नदी गिरि नदी पर रेणुकाजी बांध परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण और अन्य कार्यकलाप प्रगति पर हैं।

6. बैठकें:-

अपने गठन से लेकर आज तक यूवाईआरबी ने बोर्ड की 49 बैठकें तथा यूवाईआरसी की 6 बैठकें आयोजित की हैं और ऊपरी यमुना फैलाव के बेसिन राज्यों के बीच अनेक संबंधित मुद्दों पर कार्य कर रहे हैं:-