केन्द्रीय मृदा और सामग्री अनुसंधान केन्द्र (सीएसएमआरएस) क्षेत्रीय और प्रयोगशाला अन्वेषण, भूतकनीकी अभियांत्रिकी, कंक्रीट प्रौद्योगिकी, निर्माण सामग्री संबंधी समस्याओं के आधारभूत और प्रयुक्त अनुसंधान से सबंधित कार्य करता है और वह देश में सिंचाई और विद्युत के विकास पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालने वाले पर्यावरणीय मुद्दों से भी संबद्ध है तथा भारत और विदेश में विभिन्न परियोजनाओं और संगठनों के उपर्युक्त क्षेत्रों में एक सलाहकार तथा परामर्शदाता के रूप में कार्य करता है। मोटे तौर पर इसके कार्यकलाप के क्षेत्र में निम्नलिखित शामिल हैं:-
सीएसएमआरएस ने कई संयुक्त राष्ट्र विकास परियोजनाओं को सफलतापूर्वक निष्पादित किया है और इस प्रकार विभिन्न संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रमों के तहत अपने इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को प्रशिक्षित करके तथा अत्याधुनिक उपकरण खरीदकर विकासशील देशों के समान अपनी परीक्षण सुविधाओं को उन्नत बनाया है।
अपनी विगत की उपलब्धियों पर गर्व करके तथा अपनी भावी जिम्मेदारियों से अवगत होकर सीएसएमआरएस के पास 150 समर्पित इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की एक टीम है जिनमें से अधिकांश ने विदेश में प्रशिक्षण प्राप्त किया है ओर इनके पास लगभग 300 लोगों का बडा सहायक स्टाफ है। सीएसएमआरएस विद्यमान हाइड्रोलिक तथा अन्य सिविल इंजीनियरिंग परियोजनाओं का सुरक्षा मूल्यांकन करने के साथ-साथ बांधों, पुलों, बहुमंजिला इमारतों, परमाणु और ताप विद्युत स्टेशनों का कोई भी चुनौतीपूर्ण जांच कार्य कर सकता है।