राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (एनडब्ल्यूडीए) की स्थापना 1982 में एक पंजीकृत सोसाइटी के रूप में सिंचाई मंत्रालय (अब जल संसाधन मंत्रालय) के अधीन जल संसाधन विकास हेतु एक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य के प्रायद्वीपीय घटक के संबंध में विस्तृत अध्ययन, सर्वेक्षण और जांच के लिए की गई थी। बाद में सरकार ने जल संसाधन विकास के राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य के हिमालयी घटक को शामिल करने के लिए 11 मार्च, 1994 को एनडब्ल्यूडीए के कार्यों और 13 फरवरी, 2003 तथा 12 मार्च, 2004 को सोसाइटी की संरचना और शासी निकाय में संशोधन किया। वर्ष 2006 में यह निर्णय लिया गया कि एनडब्ल्यूडीए बिहार जैसे राज्यों में नदियों के उप-बेसिन में अंतर-संपर्क की व्यवहार्यता का भी पता लगाएगा। यह भी निर्णय लिया गया कि एनडब्ल्यूडीए केन-बेतवा संपर्क, जो राष्ट्रीय संदर्शी योजना के एक प्रायद्वीपीय घटक है, के तहत एक प्राथमिक संपर्क है, की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार करेगा। उपर्युक्त कार्यकलापों को करने हेतु एनडब्ल्यूडीए को सक्षम बनाने हेतु 31.11.2006 को इसके कार्यों में और संशोधन किया गया। आज के अनुसार एनडब्ल्यूडीए निम्नलिखित कार्य करता है:-
सोसाइटी की संरचना, एनडब्ल्यूडीए के शासी निकाय, उसके द्वारा किए जा रहे कार्यकलाप की वर्तमान स्थिति और अन्य ब्यौरे वेबसाइट http://nwda.gov.in/ पर उपलब्ध है।