भारत सरकार ने सरदार सरोवर परियोजना की ईकाई-1(बांध और निर्माण कार्य) और ईकाइ- III (जल विद्युत निर्माण) के कुशल, मितव्ययी और शीघ्र निष्पादन के मध्यनजर नर्मदा जल विवाद अभिकरण के निर्णय के अनुरूप 1980 में सरदार सरोवर निर्माण परामर्शी समिति का गठन किया।
एसएससीएसी का गठन निम्नानुसार है:-
- सचिव, जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार-अध्यक्ष (एसएससीएसी)
- सचिव, उर्जा मंत्रालय, विद्युत विभाग, भारत सरकार
- अध्यक्ष, केंद्रीय जल आयोग, भारत सरकार
- अध्यक्ष, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, भारत सरकार
- कार्यकारी सदस्य, नर्मदा नियंत्रण प्राधिकारी
- वित्तीय परामर्शदाता, जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार
- प्रभारी सचिव,मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान सरकारों के वित्त विभाग
- प्रभारी सचिव,गुजरात और राजस्थान सरकारों के सिंचाई विभाग
- प्रभारी सचिव,मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र सरकारों के विद्युत विभाग
- प्रभारी सचिव,मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के राजस्व विभाग अथवा भूमि अधिग्रहण से संबंधित किसी अन्य विभाग
- परियोजना के गुजरात प्रभारी के महाप्रबंधक अथवा मुख्य अभियंता और परियोजना से संबंधित मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के मुख्य अभियंता
- अध्यक्ष,मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के राज्य विद्युत बोर्ड
- सचिव, सरदार सरोवर निर्माण परामर्शी समिती.
सरदार सरोवर निर्माण परामर्शी समिती के कार्य
- परियोजना अनुमान की जांच करना और संबंधित सरकार के प्रशासनिक अनुमोदन हेतु सिफारिशें करना।
- तकनीकी विशेषताओं की जांच करना और किसी भी पक्षकार राज्य द्वारा इसे संदर्भित अनुसार बनाना और जहां आवशक हो, विशेषज्ञ की सलाह लेना।
- ईष्टतम परिणामको ध्यान में रखते हुए परियोजना कारकों के निर्माण को समन्वित रूप से निर्णय लेना।
- अनुमोदित कार्यक्रम के अनुसार निर्माण कार्यों के लिए निधियों की आवश्यकताओं की जांच करना।
- परियोजना के कुशल निष्पादन हेतु तकनीकी अधिकारियों को तकनीकी और वित्तीय दोनों शक्तियों के प्रत्यायोजन की सिफारिश करना।
- विभिन्न प्रकार के कार्यों के विनिर्देश को अंतिम रूप देना।
- ऐसे उप-अनुमानों और संविदाओं की जांच करना, जिनकी लागत परियोजना अधिकारियों की शक्तियों के प्रत्यायोजन से अधिक हो गई हो।
- भौतिक और वित्तीय प्रगति की समीक्षा करना और कार्य शीघ्र करने के उपाय सुझाना।