अवसंरचना विकास (आईडी) योजना:-
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय की अवसंरचना विकास (आईडीयोजना) को सरकार द्वारा निम्नलिखित चार जारी योजनाओं का विलय करके अनुमोदित किया गया है:
पूर्ववर्ती योजनावधि (2012-17) के दौरान 246.26 करोड़ रुपए (भूमि और भवन के लिए 216.26 करोड़ रुपए तथा आईटी घटक हेतु 30 करोड रुपए) अनुमोदित किए गए थे।
सीडब्ल्यूसी-भूमि और भवन:- पूर्ववर्ती योजनावधि के दौरान, सीडब्ल्यूसी की 115.0 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय वाली 10 परियोजनाएं अनुमोदित की गई थी। इनमें से तीन परियोजनाएं पूरी हो गई हैं और शेष जारी है।
सीजीडब्ल्यूबी-भूमि और भवन:-पूर्ववर्ती योजनावधि में सीजीडब्ल्यूबी की भी 101.26 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय वाली 10 परियोजनाएं अनुमोदित की गई थी जिनमें से दो परियोजनाएं पूरी हो गई हैं।
सीजीडब्ल्यूबी- सूचना प्रौद्योगिकी:-सीजीडब्ल्यूबी की आईटी योजना के तहत एक उद्यमवार, एकीकृत, वेब आधारित एकल खिडकी प्रणाली स्थापित करने की परिकल्पना की गई है जिसमें इंटरनेट और भंडारण प्रौद्योगिकियों/ उपकरणों तथा एप्लिकेशनों का प्रयोग करके एक केन्द्रीयकृत डाटा और दस्तावेज डिपोजिटरी, वर्क फ्लो और नॉलेज का सृजन किया जाएगा। एकीकृत/समेकित और केन्द्रीयकृत रिपोजिटरी और संबद्ध एप्लिकेंशस से 'पेपरलेस' की संकल्पना साकार होगी।
ई-गवर्नेंस
भारत सरकार की राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना(एनईजीपी) देश के भीतर ई-गवर्नेंस के दीर्घावधि विकास हेतु बुनियाद रखने और उसको ताकत देने की मांग करती है। इसे भारत सरकार द्वारा शुरू की गई डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के दायरे में भी लाने की परिकल्पना की गई है। योजना सही गवर्नेंस और संस्थागत तंत्र मुख्य अवसंरचना की स्थापना और नीतियों के सृजन की भी मांग करती है।आईडी योजना के अंतर्गत ई-गवर्नेंस योजना के परिणाम होंगे:-
विगत योजना अवधि के दौरान उपरोक्त परिणाम प्राप्त करने के लिए निम्मनालिखित प्रमुख ई-गवर्नेंसपहलें ली गई हैं:-