फरक्का बैराज परियोजना, फरक्का
फरक्का बैराज परियोजना को भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली के नौवगम्यता में सुधार करके कोलकाता पत्तन के संरक्षण तथा अनुरक्षण की जरूरत को पूरा करने हेतु बनाया गया था। फरक्का बैराज परियोजना संगठन को परियोजना के निम्नलिखित मुख्य घटकों के संचालन और अनुरक्षण का कार्य सौंपा गया है:
- रेल-सह-सड़क पुल के साथ गंगा नदी पर एक 2245 मी. लंबा बैराज, आवश्यक नदी प्रशिक्षण कार्य और दाहिने ओर एक हेड रेगुलेटर।
- जांगीपुर में भागीरथी नदी पर एक 213 मी. लंबा बैराज और इसके अतिरिक्त एक नौवहन लॉक।
- फरक्का बैराज के दाहिने तट पर स्थित हेड रेगुलेटर से शुरू होकर 1133 क्यूमेक (40,000 क्यूसेक) की जलक्षमता और 38.38 किमी. लंबी फीडर नहर। यह फीडर नहर राष्ट्रीय जलमार्ग सं.-1 का एक भाग है।
- फरक्का और जांगीपुर में नौवहन अवसंरचनाएं जैसे- लॉक्स, लॉक चैनल, शेल्टर बेसिन, कंट्रोल टॉवर, नेवीगेशन लाइट्स तथा अन्य अवसंरचनाएं।
- फरक्का बैराज के 33.79 कि.मी. बाएं और 7 कि.मी. दाएं एफलक्स बंध, और जांगीपुर बैराज के 16.31 कि.मी. बाएं एफलक्स बंध।
- फीडर नहर पर दो सडक-सह-रेल पुल और दो सड़क पुल।
- मुर्शिदाबाद और मालदा, दोनों जिलों में विभिन्न स्थानों पर अनेक रेगुलेटर।
- फीडर नहर के आर डी 48.00 पर बागमारी साइफन।
- बैराज की सुरक्षा के लिए आवश्यक कटावरोधी सुरक्षात्मक कार्य करने के लिए फरक्का बैराज परियोजना के कार्यक्षेत्र को अपस्ट्रीम में दिआरा सहित राजमहल (फरक्का बैराज से 40 किमी.) तक तथा डाउन स्ट्रीम में जलांगी (फरक्का बैराज से 80 किमी.) तक बढा दिया गया है।