कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए)
केंद्र सरकार ने अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद अधिनियम, 1956 (1956 का 33) की धारा 4 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अधिसूचना संख्या एस.ओ. 437 (ई), दिनांक 2 जून, 1990 को कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी राज्यों के बीच अंतर-राज्यीय नदी कावेरी और उसकी नदी घाटी के संबंध में जल विवाद पर निर्णय लेने के लिए; ट्रिब्यूनल ने मामलों की जांच की इसे संदर्भित किया और 5 फरवरी, 2007 को अधिनियम की धारा 5 की उप-धारा (2) के तहत केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजी। पार्टी राज्यों ने उक्त रिपोर्ट के खिलाफ माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने उक्त विशेष अनुमति याचिकाओं को सिविल अपील में परिवर्तित कर दिया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 16 फरवरी, 2018 को 2007 की सिविल अपील 2453, 2007 की 2454 और 2007 की 2456 में अपना निर्णय और अंतिम आदेश सुनाया और केंद्र सरकार को ट्रिब्यूनल को लागू करने के लिए अधिनियम की धारा 6ए के तहत एक योजना बनाने का निर्देश दिया। दिनांक 16 फरवरी, 2018 के आदेश द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संशोधित पुरस्कार; उक्त अधिनियम की धारा 6ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार ने अन्य बातों के साथ-साथ 01 जून, 2018 को कावेरी जल प्रबंधन योजना को अधिसूचित किया कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के निर्णय को प्रभावी करने के लिए ‘कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण’ और ‘कावेरी जल विनियमन समिति’ का गठन, जैसा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 16 फरवरी, 2018 द्वारा संशोधित किया था।
कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) राजपत्र अधिसूचना (बाहरी लिंक)(पीडीएफ 1922केबी)