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    केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड, फरीदाबाद

    प्रकाशित तिथि: दिसम्बर 30, 2022

    केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत एक बहुसंकाय वैज्ञानिक संगठन है ।केन्‍द्रीय भूमि जल बोर्ड एक अग्रणी राष्‍ट्रीय अभिकरण है जिसे देश के भूजल संसाधनों के प्रबन्‍धन, अन्‍वेषण, मानीटरिंग, आकलन, संवर्धन एवं विनियमन हेतु वैज्ञानिक इनपुट उपलब्‍ध कराने का दायित्‍व सौंपा गया है

    अधिदेश :

    केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड का अधिदेश है : “भारत के भूजल संसाधनों के आर्थिक एवं पारिस्थितिकी कुशलता तथा साम्य् के सिद्धांतों के आधार पर वैज्ञानिक एवं सतत विकास और प्रबंधन के लिए भूजल संसाधनों के अन्वेूषण, आकलन, संरक्षण, संवर्धन, प्रदूषण से सुरक्षा तथा वितरण सहित प्रौद्योगिकी का विकास एवं प्रचार-पसार करना तथा राष्ट्रीय नीतियों की मॉनीटरिंग एवं कार्यान्वयन करना ।”

    भविष्य दृष्टि

    देश के भूजल संसाधनों का स्थायी विकास और प्रबंधन ।

    संगठन संरचना :

    बोर्ड के प्रमुख के रूप में अध्यक्ष हैं तथा इसके पाँच सदस्य हैं : सदस्य (मुख्यालय), सदस्य (दक्षिण), सदस्य (पूर्व), सदस्य (उत्तर पश्चिम) तथा सदस्य (केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण)। केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड एक बहू-संकाय वैज्ञानिक संगठन है जिसमेंभूजलवैज्ञानिक, भू-भौतिकीविद, रसायनज्ञ, जलवैज्ञानिक, जल-मौसमवैज्ञानिक तथा अभियंता शामिल है। केंद्रीय भूमि जल बोर्डमें 600 वैज्ञानिक 150 अभियंता तथा 3250सहायककार्मिक (तकनीकी, प्रशासनिक और अनुसचिवीय ) हैं। केंद्रीय भूमि जल बोर्ड का मुख्यालय भूजल भवन, फरीदाबाद, हरियाणामें अवस्थित है। केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है। फील्ड संबंधी गतिविधियां इसके 18 क्षेत्रीय कार्यालय,10 राज्य एकक कार्यालयों और 17 प्रभागीय कार्यालयों के माध्यम से निष्पादित की जाती हैं ।  

     

    गतिविधियां :

    केन्द्रीय भूमिजल बोर्ड एक प्रमुख राष्‍ट्रीय संगठन है जिसे वैज्ञानिक अध्ययन, ड्रिलिंग की सहायता से अन्वेषण, भूजल क्षेत्र की मॉनिटरिंग, देश केभूजल संसाधनों का आकलन, संवर्धन, प्रबंधन तथा विनियमन का दायित्व सौंपा गया है। बोर्ड की प्रमुख गतिविधियां निम्नलिखित हैं :

    • जलभृत मानचित्रों एवं प्रबंधन योजनाओं की तैयारी सहित राष्ट्रीय जलभृत मैपिंग और प्रबंधन (नैक्यूम) कार्यक्रम ।
    • भूजल संभावित क्षेत्रों तथा संभावित जलभृतों की पहचान के लिए भूजल अन्वेषण ।
    • भूजल संभावित क्षेत्रों आदि की पहचान के लिए भूभौतिकीय सर्वेक्षण।
    • देश के भूजल संसाधनों का आवधिक आकलन
    • भूजल प्रेक्षण कूपों के माध्यम से भूजल स्तर और गुणवत्ता की मानीटरिंग ।
    • भूजल से संबन्धित डेटा और जानकारी का प्रचार-प्रसार।
    • भूजल मॉडलिंग।
    • जीआईएस और रिमोट सेंसिंग।
    • राज्य सरकार के संगठनों के समन्वय से सीजीडब्ल्यूए द्वारा भूजल विकास और प्रबंधन का विनियमन और नियंत्रण।
    • भूजल अध्ययन के लिए बेंचमार्क पद्धतियां निर्धारित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार के साथ समन्वय।
    • भूजल क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास अध्ययन और भूजल अन्वेषन, विकास और प्रबंधन के लिए नई प्रौद्योगिकियों/तकनीकों का अनुप्रयोग और संचालन।
    • जल संरक्षण और भूजल का कृत्रिम पुनर्भरण ।
    • क्षमता निर्माण और ज्ञान का आदान-प्रदान ।
    सीजीडब्ल्यूबी केंद्रीय मुख्यालय, फ़रीदाबाद
    क्षेत्रीय कार्यालय (18) प्रभागीय कार्यालय (17) राज्य एकक कार्यालय (10)
    उत्तर पश्चिम हिमालयी क्षेत्र, जम्मू प्रभाग –VIII, जम्मू
    उत्तरी हिमालयी क्षेत्र, धर्मशाला प्रभाग- XVII, धर्मशाला
    उत्तर पश्चिमी क्षेत्र, चंडीगढ़ प्रभाग-II, अम्बाला
    उत्तरांचल क्षेत्र, देहरादून
    उत्तरी क्षेत्र, लखनऊ प्रभाग-III,वाराणसी
    प्रभाग-XVI, बरेली
    इलाहाबाद
    पश्चिमी क्षेत्र, जयपुर प्रभाग-XI, जोधोपुर जोधपुर
    मध्य पूर्वी क्षेत्र, पटना प्रभाग-V,रांची रांची
    पूर्वी क्षेत्र, कोलकाता प्रभाग-XV, कोलकाता
    पूर्वोत्तर क्षेत्र, गुवाहाटी प्रभाग-VII, गुवाहाटी शिलांग, अगरतला, ईटानगर
    पश्चिम मध्य क्षेत्र, अहमदाबाद प्रभाग-I, अहमदाबाद
    उत्तर मध्य क्षेत्र, भोपाल प्रभाग-XII, भोपाल
    उत्तर मध्य छत्तीसगढ़ क्षेत्र, रायपुर प्रभाग-XIII- रायपुर
    दक्षिण पूर्वी क्षेत्र, भुवनेश्वर प्रभाग-X, भुवनेश्वर
    मध्य क्षेत्र, नागपुर प्रभाग-VI,नागपुर पुणे
    दक्षिण क्षेत्र, हैदराबाद प्रभाग-IX, हैदराबाद विशाखापत्तनम/td>
    दक्षिण पश्चिमी क्षेत्र, बेंगलुरु प्रभाग-XIV, बंगलुरु बेलगावी
    दक्षिण पूर्वी तटीय क्षेत्र, चेन्नई प्रभाग-IV, चेन्नई i
    केरल क्षेत्र, त्रिवेन्द्रम
    दिल्ली

    राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमि जल प्रशिक्षण एवंअनुसंधान संस्थान (आरजीएनजीडबल्यूटीआरआई)

    (Website: www.ngwtri.org)

    इस संस्थान की स्थापना वर्ष 1997 में रायपुर, छत्तीसगढ़ में केंद्रीय भूजल बोर्ड, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशिक्षण केंद्र के रूप में की गई ।

    इस संस्थान के निम्नलिखित उद्देश्य है :

    • भूजल के क्षेत्र में प्रशिक्षण, अनुसंधान और विकास मेंउत्कृष्टता के एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में भूमिका निभाना ।
    • भूजल के विभिन्न क्षेत्रों में भूजल पेशेवरों और उप-पेशेवरों को प्रशिक्षण प्रदान करना।
    • भूजल से संबन्धित एनजीओ, पीआरआई और अन्य हितधारकों को प्रशिक्षित करना।
    • राष्ट्रीय जलभृत प्रबंधन परियोजना (NAQUIM) के सहभागी भूजल प्रबंधन कार्यक्रम के तहत जलभृत मैपिंग हेतु भूजल मानीटरिंग और डेटा संग्रह कार्य के लिए विभिन्न हितधारकों को प्रशिक्षित करना।
    • भूजल के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास कार्य ।

    इस संगठन की वेबसाइट के लिए यहां क्लिक करें
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    केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण

    (Website: cgwa.mowr.gov.in/)

    भूजल की निकासी का विनियमन केन्द्र और राज्य दोनों स्तरों पर किया जा रहा है। केन्द्रीय स्तर परकेन्द्रीय भूमि जल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) को भूजल विकास और प्रबंधन के विनियमन और नियंत्रण का दायित्व सौंपा गया है। सीजीडब्ल्यूए द्वारा भारत में भूजल निष्कर्षण के विनियमन और नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं। सीजीडब्ल्यूए द्वारा 19 राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों में भूजल के निष्कर्षण का विनियमन किया जाता है तथा शेष 17 राज्यों में (15 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा स्वयं अधिनियम बनाए गए हैं और 2 राज्यों द्वारा कतिपय सरकारी आदेश के तहत विनियमन किया जा रहा है)। भूजल निकासी के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र संबंधित राज्य भूमि जल प्राधिकरण या नामित प्राधिकरण द्वारा प्रदान किए जाते हैं।

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