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    बाणसागर नियंत्रण बोर्ड

    प्रकाशित तिथि: दिसम्बर 30, 2022

    मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के मुख्यमंत्रियों के बीच हुए अंतर-राज्यीय समझौते के आधार पर बाणसागर बांध और उससे संबंधित कार्यों के कुशल मितव्ययी और शीध्र कार्य-निष्पादन के लिए जनवरी, 1976 में बाणसागर नियंत्रण बोर्ड का गठन किया गया। संबंधित राज्य अपने प्रदेशों में नहर और विद्युत प्रणालियों का कार्य निष्पादित करते हैं। नियंत्रण बोर्ड का कार्य बाणसागर बांध और इसके सहायक ढांचों का निर्माण की समग्र जिम्मेदारी लेना है। नियंत्रण बोर्ड के निर्देश के अंतर्गत मध्य प्रदेश सरकार का जल संसाधन विभाग परियोजना के कार्यों को कार्यान्वित करता है। केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री बोर्ड के अध्यक्ष और केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री, मुख्यमंत्री तथा मध्यप्रदेश के प्रभारी विद्युत मंत्री इसके सदस्य हैं। केन्द्रीय जल आयोग के अध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित कार्यकारी समिति बोर्ड के कार्यों को देखती है।

    बोर्ड का सचिवालय रीवा में है और इसका अध्यक्ष एक सचिव है। बाणसागर नियंत्रण बोर्ड जल संसाधन मंत्रालय का एक अधीनस्थ कार्यालय है। बोर्ड के कार्यालयों का व्यय आरंभ में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय के बजट से किया जाता है और बाद में मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों द्वारा समान अनुपात में इसकी प्रतिपूर्ति की जाती है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार बाणसागर बांध की लागत और लाभ को 2:1:1 के अनुपात में बांटतें हैं।

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