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    कार्य आवंटन

    कार्य

    जल संसाधन मंत्रालय देश के जल संसाधनों के विकास और विनिमयन हेतु नीतिगत दिशानिर्देश और कार्यक्रम बनाने के लिए उत्तरदायी है। मंत्रालय को निम्नलिखित कार्य आवंटित किए गए है:-

    • जल संसाधन क्षेत्र में समग्र आयोजना, नीति निर्माण, समन्वय और मार्गदर्शन।
    • सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण और बहुउद्देशीय परियाजनाओं (वृहत/मध्यम) का तकनीकी मार्गदर्शन, संवीक्षा, स्वीकृति प्रदान करना और निगरानी करना।
    • विकास के लिए सामान्य अवसंरचनात्मक, तकनीकी और अनुसंधान सहायता देना।
    • विशेष परियोजनाओं के लिए विशिष्ट केन्द्रीय वित्तीय सहायता प्रदान करना और विश्व बैंक तथा अन्य एजेंसियों से विदेशी धन प्राप्त करने में सहायता देना।
    • लघु सिंचाई और कमान क्षेत्र विकास के संबंध में समग्र नीति निर्माण, आयोजना और मार्गदर्शन, केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं का संचालनऔर निगरानी तथा भागीदारी सिंचाई प्रबंधन को बढावा देना।
    • भूमि-जल संसाधनों के विकास हेतु समग्र आयोजना, उपयोग करने योग्य संसाधनों की स्थापना तथा अन्वेषण हेतु नीतियां बनाना और भूमि-जल विकास में राज्य स्तरीय कार्यकलापों की निगरानी और सहायता करना।
    • राष्ट्रीय जल विकास परिदृश्य का निर्माण करना तथा अंतर-बेसिन अंतरण की संभावनाओं पर विचार हेतु विभिन्न बेसिनों/उप-बेसिनों के जल संतुलन का निर्धारण करना।
    • अंतर-राज्यीय नदियों संबंधी मतभेदों या विवादों के समाधान के संबंध में समन्वय, मध्यस्थता और सहायता देना और कुछ मामलों में अंतर-राज्यीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी करना।
    • अंतर-राज्यीय नदियों पर बाढ़ पूर्वानुमान और चेतावनी हेतु राष्ट्रीय नेटवर्क का संचालन करना, विशेष मामलों में कुछ राज्य योजनाओं के लिए केन्द्रीय सहायता का प्रावधान करना और गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदियों के लिए बाढ़ नियंत्रण मास्टर प्लान बनाना।
    • नदियों के जल, जल संसाधन विकास परियोजनाओं और सिंधु जल संधि को लागू करने के बारे में पड़ोसी देशों के साथ बातचीत और तालमेल करना।
    • व्यापक आयोजना और प्रबंधन हेतु अंतर-क्षेत्रीय समन्यव को बढावा देने के लिए एक नदी बेसिन दृष्टिकोण अपनाकर गंगा नदी के प्रदूषण को कम करना और उसका संरक्षण सुनिश्चित करना।