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नीति और आयोजना विंग

विंगप्रमुख: संयुक्‍त सचिव (नीति और आयोजना)

  1. नीति:
    1. जल संसाधन विकास और प्रबंधन से संबंधित नीतिगत मामले।
    2. जल उपलब्‍धता, जल संरक्षण, जल प्रयोग की कुशलता, कुशल जल प्रबंधन के लिए नवीनतम तकनीकों और प्रौद्योगिकियों का अनुप्रयोग।
    3. राष्‍ट्रीय जल संसाधन परिषद, राष्‍ट्रीय जल बोर्ड, राज्‍यों के जल संसाधन और सिंचाई मंत्रियोंके राष्‍ट्रीय मंच,सिंचाई/जल संसाधन मंत्री सम्‍मेलन का समन्‍वय।
    4. जल संसाधन, विशेषकर कृषि मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, गामीण विकास मंत्रालय (जल संसाधन विभाग), पेयजल और स्‍वच्‍छता मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय विद्युत मंत्रालय आदि के साथ जल संसाधनसे संबंधित सामान्‍य मसलों के संबंध में विभिन्‍न मंत्रालयों के साथ समन्‍वय।
    5. अंतर्राष्‍ट्रीय सिंचाई और जल-निकासी आयोग, संयुक्‍त राष्‍ट्र संगठन जैसेकि यूनेस्‍को, संयुक्‍त राष्‍ट्र पर्यावरण, एफएपी आदि के साथ समन्‍वय।
    6. अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद (आईएसडब्ल्यूडी) अधिनियम, 1956 के तहत प्रशासनिक और कानूनी मामलों के साथ-साथ जल विवाद न्यायाधिकरणों की स्थापना और न्यायाधिकरणों को विवादों का संदर्भ
  2. आयोजना:
    1. वार्षिक योजना (बजट अनुमान/संशोधित अनुमानो, पंचवर्षीय योजना, मध्‍यावधि मूल्‍यांकन रिपोर्ट और परिणाम संरचना दस्तावेज तैयार करना।
    2. मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित विभिन्‍न स्‍कीमों/परियोजनाओं, वित्‍त आयोग और नीति आयोग से संबंधित मामलों की प्रगति कीमॉनीटरिंग।
    3. अनुसंधान व विकास-जल क्षेत्र में अनुसंधान व विकास कार्यक्रम से संबंधित मामले और केंद्रीय क्षेत्र योजना स्‍कीम ‘’अनुसंधान व विकास’’ का समन्‍वय।
  3. बेसिन प्रबंधन:
    1. अंतर राज्‍य नदी विवाद अधिनियम, 1956 का प्रशासन और संशोधन।
    2. नदी बोर्ड अधिनियम,1956 का प्रशासन और संशोधन।
      1. नदी बेसिन संगठनसे संबंधित मामले।
    3. बांध सुरक्षा बिल (केवल विधायी मामले)
    4. निम्‍नलिखित से संबंधित प्रशासनिक विधिक मामलों सहित अंतर-राज्‍य नदी जल विवाद अधिनियम, 1956 के अंतर्गत जल विवाद अभिगरणों की स्‍थापना और अभिकरणों को विवाद भेजना।
      1. रवी ब्‍याज जल अभिकरण, 1986
      2. रकावेरी जल विवाद अभिक, 1990
      3. रकृष्‍णा जल विवाद अभिकरण, 2001
      4. रवंशधारा जल विवाद अभिकरण, 2010
      5. रमहादेयी जल विवाद अभिकरण, 2010
    5. उत्‍तर प्रदेश, बिहार मध्‍य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000
      1. गंगा प्रबंधन बोर्ड के गठन से सं‍बंधित कार्य
    6. 12 वीं योजना के अंतर्गतस्‍कीम
      1. गंगा बेसिन प्रबंधन योजना स्‍कीम का समन्‍वय
      2. नदियों की परस्‍पर संयोजकता
  4. सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम -बोर्ड स्‍तीरीय पदों के सभी मामलों का संव्‍यवहार अर्थात दो केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्योगों की नियुक्ति; विस्‍तार; सृजन आदि नामत:-
    1. नेशनल प्रोजेक्‍टस कार्पोरेशन लिमिटेड
    2. वाप्‍कोस लिमिटेड

      कार्य आबंटन

      • लोक उद्यम विभाग को प्रस्‍तुत करने हेतु दो केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों के समझौता ज्ञापन का वास्‍तविक उपलब्धियों बनाम समझौता ज्ञापन लक्ष्‍यों के आधार पर मूल्‍यांकन।
      • दो केंद्रीयसार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों के हस्‍ताक्षरित समझौता ज्ञापन और वार्षिक रिपोर्ट संसद के दोनों पटलों पर रखना।
      • दो केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों से संबंधित सभी संसदीय प्रश्‍न, वीआईपी संदर्भ, सूचना का अधिकार मामले परिवेदना/शिकायत।
      • दो केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों के कार्यापालकों और गैर-यूनियनिकृत कामगारों का वेतन संशोधन।
      • दो केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों को लोक विभाग/कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग/केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम द्वारा जारी विभिन्‍न दिशा-निर्देशों का परिपालन और अनुवर्ती कार्रवाई।
      • इन दो केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों के संबंध में न्‍यायालय मामले जिनमें इस मंत्रालय को एक प्रतिवादी बनाया गया है।
      • सचिव (जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण) दो केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों की ली गई अर्द्ध वार्षिक निष्‍पादन समीक्षा।

        दो केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों से समय-समय पर प्राप्‍त कोई अन्‍य प्रशासनिक/नीतिगत मामला।

      दो केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों से समय-समय पर प्राप्‍त कोई अन्‍य प्रशासनिक/नीतिगत मामला।

    3. किसी भी परियोजना के लिए पीपीपी, एसपीवीएस से संबंधित सभी मसले।
    4. एनपीसीसी लिमिटेड के बोर्ड में जल संसाधन मंत्रालय का प्रतिनधित्‍व करना।
    5. किसी भी परियोजना के लिए पीपीपी, एसपीवीएस से संबंधित सभी मसले।
    6. एनपीसीसी लिमिटेड के बोर्ड में जल संसाधन मंत्रालय का प्रतिनधित्‍व करना।
    7. गंगा पुनर्जीवन– एआईबीपी, सूक्ष्‍म सिंचाई,आर्सेनिक शमन और नवाचार स्‍कीमों पर विशेष ध्‍यान देकर गंगा पुनर्जीवन से संबंधित नीतिगत मामले।
    8. मुख्‍य सतर्कता अधिकारी –सतर्कता दृष्टिकोण वाले मामलों से संबंधित सभी मामलों और केंद्रीय सिविल सेवा(आचरण) नियम,1964/केंद्रीय सिविल सेवा (केंद्रीय सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियमावली) नियम, 1965 का निर्वचन।
    9. संसदीय मामले – मंत्रालय से संबंधित संसदीय मामलों का समन्‍वय ।
    10. स्‍थापना-IV अनुभाग::- स्‍थापना iv अनुभाग को निम्‍नालिखित कार्य आबंटित किए गए हैं
      1. निम्‍नालिखित के स्‍थापना मामले :-
        1. नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (एनसीए); http://nca.gov.in/index_.htm
        2. सरदार सरोवर निर्माण परामर्शी समिति (एसएससीएसी);http://www.sscac.gov.in/
        3. राष्‍ट्रीय जल विकास प्राधिकरण(एनडब्‍ल्‍यूडीए);http://nwda.gov.in/
        4. बेतवानदी बोर्ड (बीआरबी); http://brb.nic.in/
        5. बाणसागर नियंत्रण बोर्ड (बीसीबी); http://bcb.nic.in/
        6. तुंगभद्रा बोर्ड (टीबी)http://www.tbboard.in/
          स्‍थापना Iv अनुभाग भारत सरकार के नियमों व दिशा-निर्देशों के अनुरूप सुचारू कार्य करने हेतु सुकर करने के लिए उपरोक्‍त संगठनों हेतु विषय मामला प्रभागके रूप में कार्य करता है। उपरोक्‍त संगठनों के साथ विभिन्‍न रिपोर्टों, मामालें की जाचं हेतु समन्‍वय, समय-समय पर जारी भारत सरकार के नियमों औरदिशा-निर्देशों कीमॉनीटरिंगऔर कार्यन्‍वयन ।
      2. केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय भूमि जल बोर्ड पुर्नगठन समिति से संबंधित अतिरिक्‍त कार्य भी स्‍थापना—IV अनुभाग को सौंपा गया है।

प्रायद्वीपीय नदी प्रभाग

[विंगप्रमुख: आयुक्‍त (प्रायद्वीपीय नदी)]

  1. बाहुबली बैराजमामला
  2. मुल्‍ला पेरियार बांध मामला
  3. वंसाधारा नदी जल विवाद
  4. कृष्‍णा नदी जल विवाद अधिकरण
  5. कावेरी पंचाट मामले
  6. बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना