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    तुंगभद्रा बोर्ड

    प्रकाशित तिथि: दिसम्बर 30, 2022

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    तुंगभद्रा बोर्ड को भारत के राष्ट्रपति द्वारा आन्ध्र प्रदेश अधिनियम 1953 के खंड 66 के उपखंड (4) के तहत निहित शक्तियों का उपयोग करते हुए तुंगभद्रा परियोजना को पूरा करने और इसके संचालन तथा रखरखाव के लिए गठित किया गया था। यह बोर्ड सिंचाई जल विद्युत उत्पादन और अन्य उपयोगों हेतु जलाशय के जल का विनियमन करता है।

    बोर्ड में भारत सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष और आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक राज्यों तथा भारत सरकार प्रत्येक से एक प्रतिनिधि शामिल है। सौंपे गये कार्यकलापों के निर्वहन में बोर्ड राज्य सरकार की शक्तियों का पालन करता है। यह अपने कार्य संचालन के स्वयं नियम बनाता है। आन्ध्र प्रदेश और कर्नाटक सरकारें स्वीकृत अनुपात के अनुसार विभिन्न निर्दिष्ट पदों पर कर्मचारियों को प्रतिनियुक्त करती हैं। राज्यों को नहर अनुसार जल के वितरण के लिए राज्य सरकारों के परामर्श से तुंगभद्रा बोर्ड द्वारा प्रत्येक वर्ष कार्य तालिका बनाई जाती है और जल वर्ष के दौरान समय समय पर इसकी समीक्षा की जाती है। कार्य तालिका पर हुई सहमति के अनुसार जल का विनियमन किया जाता है।