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    सिंधु विंग

    विंग प्रमुख: आयुक्त (सिंधु)

    1. प्रभाग प्रमुख: वरिष्ठ संयुक्त आयुक्त-1

      यह विषय सिंधु प्रणाली की पूर्वी नदियों तथा बीबीएमबी से संबंधित है

      1. सतलुज- यमुना संपर्क (एसवाईएल) नहर- कार्य इसके कार्यान्वयन, न्‍यायालय मामलों, बैठकों, वित्तपोषण और सहायता अनुदान जारी करने से संबंधित है।
      2. पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच जल संबंधी मुद्दे- रावी, व्यास नदी के अतिरिक्त जल के राजस्थान के 6 एमएएफ हिस्से की पुनर्बहाली, रोपड, फिरोजपुर और हरिके में हेडवर्क्स के नियंत्रण का अंतरण, बीएमएल- हांसी ब्रांच- बुटाना ब्रांच बहुद्देशीय संपर्क चैनल, उसके न्‍यायालय मामले आदि।
      3. रावी और सतलुज नदियों के आपात प्रति- एहतियाती कार्यों हेतु केन्द्रीय सहायता, उसकी निगरानी समिति से संबंधित कार्य।
      4. इंदिरा गांधी नहर परियोजना की प्रगति संबंधी मामले, इंदिरा गांधी नहर बोर्ड।
      5. भाखडा-व्यास प्रबंधन बोर्ड से संबंधित मामले।
      6. सिंधु बेसिन मामलों से संबंधित उत्तरी क्षेत्र परिषद की बैठकें।
      7. पोंग बांध के विस्थापितों का पुनर्वास-उच्च स्तरीय समिति तथा उप-समितियों की बैठकें, व्यास निर्माण बोर्ड और विद्युत मंत्रालय के बीच न्‍यायालय मामलों सहित संबंधित मामलों पर बातचीत।
      8. रावी-व्यास नदी जल बंटवारे संबंधी थाइन (रंजीत सागर) और शाहपुर कंडी बांध संबंधी मामले
      9. उपर्युक्त सभी पर आरटीआई अधिनियम, 2005 के कार्यान्वयन संबंधी मामले।
    2. प्रभाग प्रमुख: वरिष्ठ संयुक्त आयुक्त-II
    3. यह मामला सिंधु जल संधि, 1960 से संबंधित है।

      1. स्थायी सिंधु आयोग का निरीक्षण दौरा और बैठकें।
      2. सरकारी स्तर पर वार्ता हेतु पाकिस्तान के साथ सचिव स्तरीय बैठकें संबंधी कार्य
      3. पाकिस्तान की ओर जाने वाली नदियों की दैनिक क्षमता और बर्हिस्राव डाटा का संग्रहण और आपूर्ति।
      4. खरीफ और रबी के मौसम में सिंधु बेसिन की सहायक नदियों से पाकिस्तान को जिलावार और तहसीलवार सिंचित फसल क्षेत्र संबंधी आंकडो की आपूर्ति।
      5. प्रतिवर्ष पाकिस्तानी आयुक्त से प्राप्त अनुरोध पर चेनाब, जम्मू तवी, रावी और सतलुज नदियों पर 1 जुलाई से 10 अक्तूबर तक पाकिस्तान को बाढ़ की चेतावनी संबंधी संदेश भेजना।
      6. संधि के अनुसार पश्चिमी नदियों पर जल विद्युत (एचई) और भंडारण परियोजनाओं की जानकारी देना, परियोजना प्राधिकारियों से आंकडे एकत्र करना, समीक्षा और आपूर्ति का विश्लेषण करना।
      7. समय-समय पर संधि के नजरिए से परियोजनाओं संबंधी मुद्दों से निपटना। वर्तमान में निर्माणधीन परियोजनाएं:
        1. किशनगंगा जल-विद्युत परियोजना
        2. रातले जल-विद्युत परियोजना
        3. मियारनाला जल-विद्युत परियोजना
        4. लोअर कलनाई जल-विद्युत परियोजना
        5. पाकलडुल जल-विद्युत परियोजना
        6. तुलबुल नेवीगेशन परियोजना
        7. अन्य जल-विद्युत परियोजनाएं जिसके लिए पाकिस्तान को जानकारी दी जाती है।
        8. ज. रावी नदी पर नदी प्रशिक्षण कार्य।
      8. संधि के कार्यान्वयन संबंधी मामलों पर पाकिस्तानी आयुक्त से इन मामलों तथा नीतिगत मुद्दों पर विदेश मंत्रालय के एलएंडटी, पीएआई प्रभागों के साथ बातचीत।
      9. संधि के दृष्टिकोण से सिंधु बेसिन की परियोजनाओं को स्वीकृति देना।